मोदी सरकार की बड़ी जीत, वाड्रा के ‘करीबी’ संजय भंडारी का होगा ब्रिटेन से प्रत्यर्पण
राष्ट्रीय बुलेटिन


वाड्रा के करीबी संजय भंडारी का ब्रिटेन से प्रत्यर्पण कराने का रास्ता साफ हो चुका है। ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने संजय भंडारी के खिलाफ यह फैसला सुनाया है। जिसमें भंडारी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भगोड़े एजेंट संजय भंडारी को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान किए गए हथियारों के लेन-देन के संबंध में विदेशी कंपनियों से कथित तौर पर 400 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान प्राप्त हुआ था। बता दें कि भंडारी को जुलाई 2020 में प्रत्यर्पण वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। जिसके खिलाफ उसने वेस्टमिंस्टर कोर्ट का रूख किया था।
भारत ने की थी ब्रिटेन से अपील
भारत ने भंडारी को भगौड़ा घोषित कर रखा है। भारत ने भंडारी के प्रत्यर्पण की अपील ब्रिटेन से की थी। भारत में उस पर सीबीआई और ईडी की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप भी तय किए जा चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 16 जून 2020 को तत्कालीन ब्रिटिश गृह मंत्री प्रीति पटेल ने भारत द्वारा प्रत्यर्पण के आग्रह को स्वीकार कर लिया था। जिसके बाद भंडारी को गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन भंडारी ने अपनी गिरफ्तारी के विरुद्ध कोर्ट का रूख किया।
इन शर्तों पर मिली जमानत
हालांकि, भंडारी को कोर्ट ने 1.20 लाख पाउंड की सिक्योरिटी के साथ अपना पासपोर्ट जमा कराने, मध्य लंदन स्थित घर में नजरबंद रहने और नजदीकी पुलिस स्टेशन में रोजाना हाजिरी लगाने सहित अन्य शर्तों पर जमानत दे दी थी।
भंडारी है कांग्रेस का करीबी
वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह दावा गया है कि भंडारी प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबट वाड्रा का करीबी भी है। हालांकि, इसे लेकर हमेशा ही संशय के बादल मंडराते रहे हैं ,लेकिन अब माना जा रहा है कि भंडारी को मिली प्रत्यर्पण की मंजूरी के बाद भारत में बीजेपी और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो सकती है। अब ऐसी स्थिति में यह पूरा माजारा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।